हिसरियाखाळ (टिहरी ) में बगवाल परिवार की भव्य निमदारी में काष्ठ कला , अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्कासी
गढ़वाल, कुमाऊं , देहरादून , हरिद्वार , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, जंगलेदार निमदारी , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला , अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्कासी – 202
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संकलन – भीष्म कुकरेती
उत्तराखंड की तिबारियों , निमदारियों , बाखलियों , कोटि बनालों के प्रलेखन या दस्तवेजिकरण में मित्रों का सहयोग अप्रतिम रहा है। प्रतिदिन मित्र भवनों के फोटो व सूचनाएं भेज रहे हैं जो संस्कृति बचाओं का द्योतक है। ऐसे ही कुछ सूचनाएं परम मित्र भिलेश्वर झल्डियाल ने श्रीकोट (देवप्रयाग निकट ) क्षेत्र से कई फोटो व सूचनाएं भेजी हैं। प्रस्तुत है आज हिसरियाखाल (टिहरी गढ़वाल ) में बग्वाल परिवार की निमदारी की काष्ठ कला विवेचना।
हिसरियाखाल (टिहरी गढ़वाल ) में बगवाल परिवार के दुपुर , दुघर (दुखंड /तिभित्या ) मकान की पहली मंजिल में भव्य निमदारी स्थापित है। बगवाल परिवार की निमदारी पंद्रहखम्या है याने निमदारी में 15 स्तम्भ (खाम ) लगे हैं व निमदारी भव्य है।
हिसरियाखाल (टिहरी गढ़वाल ) में बगवाल परिवार की निमदारी के पंद्रह स्तम्भ (खाम ) लकड़ी के छज्जे पर टिके हैं। स्तम्भ (खाम ) आधार पर जायमितीय कटान से मोटे (थांत , crkicket bat blade ) बने हैं व जैसे ऊंचाई की ओर यह कटान समाप्त होता है यहां स्तम्भ (खाम ) घट रूप में प्रकट होता है व घट रूप के बाद उर्घ्वगामी कमल फूल है। कमल की पंखुड़ियां लम्बी हैं। कमल फूल के बाद स्तम्भ (खाम ) लौकी आकर लेता है व जहां स्तम्भ (खाम ) की मोटाई कम होती है वहां एक उल्टा कमल उभर कर परक होता है जिसके ऊपर सीधा कमल है। यहां से स्तम्भ फिर से थांत (cricket bat blade जैसे ) रूप धारण करता है जैसे आधार पर है। मुरिन्ड लम्बी सपाट काष्ठ कड़ी है जिसपर कोई विशेष कला नहीं दिखती है।
हिसरियाखाल (टिहरी गढ़वाल ) में बगवाल परिवार की निमदारी में दो स्तम्भों के मध्य आधार व डेढ़ फुट के ऊपर दो लकड़ी की रेलिंग हैं जिनके मध्य XIX आकर में जंगल बंधे हैं व आकर्षक हैं।
हिसरियाखाल (टिहरी गढ़वाल ) में बगवाल परिवार के मकान में बाकी हिज्जों में कोई ख़ास नक्कासी देखने को नहीं मिली।
हिसरियाखाल (टिहरी गढ़वाल ) में बगवाल परिवार की निमदारी अपने बड़े कार व पंद्रह खम्या रूप व स्तम्भों (खामों ) में कमल दल व घट आकर आकृतियों ने निमदारी को भव्य व उत्कृष्ट श्रेणी में रखवा दिया है।
सूचना व फोटो आभार : पर्यावरण मित्र -भिलेश्वर झल्डियाल
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020
यह आलेख कला संबंधित है , मिलकियत संबंधी नही है I भागीदारों व हिस्सेदारों के नामों में त्रुटी संभव है I
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