बिंजोली (एकेश्वर, चौंदकोट, पौड़ी गढ़वाल ) में केदार दत्त धस्माना की तिबारी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी
गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड, की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी-247
Tibari House Wood Art in Binjoi, Chaundkot , Pauri Garhwal
संकलन – भीष्म कुकरेती
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एकेश्वर , चौंदकोट क्षेत्र से कई तिबारियों , क्वाठों, निमदारियों की सूचना मिली है जो इस क्षेत्र की समृद्धि के सूचक हैं। आज इसी क्रम में बिंजोली गाँव के केदार दत्त धस्माना की तिबारी की विवेचना की जायेगी।
बिंजोली (एकेश्वर, पौड़ी गढ़वाल ) में केदार दत्त धस्माना का मकान दुपुर व दुघर /दुखंड है व पहली मंजिल में छज्जे के ऊपर देहरी के ऊपर तिबारी स्थापित है। केदार दत्त धस्माना की तिबारी चौखम्या व तिख्वळ्या (चार सिंगाड /स्तम्भ व तीन ख्वाळ ) है। तिबारी के प्रत्येक सिगाड़ /स्तम्भ एक जैसे हैं। स्तम्भ का आधार की कुम्भी /दबल आकर उल्टे कमल दल से निर्मित है। कुम्भी के ऊपर ड्यूल कटान है जिसके ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प (सीधा कमल फूल ) है व यहां से स्तम्भ लौकी आकर ले लेकर ऊपर बढ़ता है। जहां पर सबसे कम मोटाई है वहां स्तम्भ में उल्टा कमल है जिसके ऊपर ड्यूल है व ड्यूल के ऊपर सीधा कमल फूल है। कमल फूल के ऊपर से स्तम्भ दो भागों में विभक्त तोता है। एक सीधा भाग जो सीधे मुरिन्ड से मिलता है वह थांत आकृति का है व यहीं से महराब /तोरणम के अर्ध चाप भी निकलते हैं जो दूसरे स्तम्भ के अर्ध चाप स मिलकर पूरा तोरणम बनाते हैं। मेहराब /तोरणम तिपत्ति (trefoil ) रूपी हैं। तोरणम के स्तम्भ में फूल व प्राकृतिक अलंकरण अंकन हुआ है। मुरिन्ड सीधी कड़ियों से निर्मित है व छप्परिका के आधार का ही भाग लगता है।
निष्कर्ष निकलता है कि काष्ठ कला (house wood carving art ) की दृष्टि से बिंजोली (एकेश्वर, चौंदकोट, पौड़ी गढ़वाल ) में केदार दत्त धस्माना की तिबारी में ज्यामितीय व प्राकृतिक अलंकरण कला अंकन हुआ है। मानवीय चित्रांकन नहीं देखा गया है।
सूचना व फोटो आभार :उमेश असवाल
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान ,बाखली , बाखई, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन नक्काशी श्रृंखला जारी रहेगी -
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