स्यूंटला (रुद्रप्रयाग)में बर्त्वाल परिवार के भवन में काष्ठ कला
स्यूंटला ( रुद्रप्रयाग ) में बर्त्वाल परिवार के भवन में गढवाली शैली की ’काठ कुर्याणौ ब्यूंत‘ की काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन अंकन
Traditional House wood Carving Art of Syuntala, Rudraprayag :
गढ़वाल, कुमाऊँ,उत्तराखंड की भवन (तिबारी, निमदारी, बाखली , जंगलादार मकान ) में गढवाली शैली की ’काठ कुर्याणौ ब्यूंत‘ की काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन अंकन-359
संकलन - भीष्म कुकरेती
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रुद्रप्रायग से प्रतिदिन हीन से हीन एक भवन की सूचना मिलती रहती है। आज इसी क्रम में स्यूंटला के पधान परिवार बर्त्वालों के दो तिबारियों वाले भवन (सुशिल बर्त्वाल भागीदार ) की काष्ठ कला पर चर्चा की जाएगी।
पधान परिवार बर्त्वालों का भवन दुपुर , दुखंड (दुघर ) है। भवन में काष्ठ कला , अलंकरण दृष्टि से भवन के पहले तल में तिबारी के स्तम्भों के अतिरिक्त खिन विशेष काष्ठ कला अलंकरण नहीं मिलते हैं। भवन में पहले तल में दो तिबारियां हैं। प्रत्येक तिबारी छह छह सिंगाड़ों /स्तम्भों की तिबारियां हैं। सभी स्तम्भ एक सामान हैं व चौखट हैं। स्तम्भों के आधार में कटान घुंडी /कंगन नुमा आकृति बनी हैं। यही मुख्य विशेषता बर्त्वालों के भवन की है। स्तम्भ ऊपर चौखट कड़ी के मुरिन्ड/मथिण्ड /header से मिलते हैं।
आश्चर्य है कि रुद्रप्रयाग व चमोली की विशेष परम्परा नुसार बर्त्वालों के भवन में कोई खोली दृष्टिगोचर नहीं हो रही है।
भवन भव्य है किन्तु काष्ठ में ज्यामितीय कटान की कला ही दृष्टिगोचर होती है।
सूचना व फोटो आभार: दीपक गौड़
* यह आलेख भवन कला संबंधी है न कि मिल्कियत संबंधी, भौगोलिक स्तिथि संबंधी। भौगोलिक व मिलकियत की सूचना श्रुति से मिली है अत: अंतर के लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
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