खिचड़ी पुराण (उत्तराखंड म इतियास ) History of Khichri in Uttarakhand
गढ़ भोज वर्ष (२०२१ ) बान विशेष लेखमाला – १
इकबटोळ - भीष्म कुकरेती
(प्रयत्न च बल ईरानी, अरबी शब्द नि लिए जावन )
-
खिचड़ी उत्तराखंड इ ना भारतs प्रिय पारम्परिक भोजन च. भारत म क्वी इन क्षेत्र नि होलु जख खिचड़ी नि खाये जाये।
खिचड़ी अर्थात दाल , चौंळ वर्ग व भुज्जि आदि संगतौ भोजन पदार्थ।
भारतम खिचड़ी इतिहास
इन लगद भारतम खिचड़ी कृषि दगड़ इ ऐ गे होली। वेदों म खिचड़ी नाम उल्लेख नी च किन्तु क्षिरोदाना (खीर ) कु उल्लेख च। याने नाम जु बि रै होलु खिचड़ी (अवयव झंगोरा , चौंळ आदि अर दाळ ) खाये जांद छे। संभवतया भारत म २५०० वर्ष पैलि से खिचड़ी पकाणो संस्कृति पनप गे छै। बल संस्कृत म खिचड़ी नाम च खिच्चा जु दाळ -चौंळ मिळवाकन बणद . संस्कृत म खेचराना शब्द च जैक अर्थ हूंद चखुल (चखुल को दाना ) अर चौंळ याने जो भोजन चौंळ अर चखुलों भोजन दाणु से बणद।
मिश्र राजा सेल्यूकसन (305 – 303 BC ) बि लेखी बल भारत म एक भोजन प्रसिद्ध ार रुचिकर च जु चौंळ अर दाळ मिलैक पकाये जांद।
चाणक्य या कौटिल्य क अर्थ शास्त्रम खिचड़ी नाम नि आए किन्तु कौटिल्यन चौंळ , दाल अर लूण -मर्च कु संतुलित भों को नाम अवश्य उल्लेख कार। कौटिल्य न ये संतुलित भोजनौ अवयव सूची इन दे -
१ प्रस्था (1 . ४ पौंड ) – चौंळ
१/४ प्रस्था – दाळ
१ /62 प्रस्था – लूण
१/१६ प्रस्था -घी
सब मिलैक पकाणै परामर्श दिए गे।
कौटिल्यौ समकालीन सिकंदर कु साहित्यकार मेगास्थिन न एक भोजन कु उल्लेख कार जु चौंळ अर दाळ मिलैक पकाये जांद छे बल अर सरा परिवार मिलिक ख्नादा छ। अवश्य ही यु भोजन खिचड़ी ही छे।
याने नाम जु बि रै होलु खिचड़ी (अवयव झंगोरा , चौंळ आदि अर दाळ ) खाये जांद छे। संभवतया भारत म २५०० वर्ष पैलि से खिचड़ी पकाणो संस्कृति पनप गे छै।
प्रागैऐतिहासिक शोधों से जणे गे बल १२ वीं शताब्दी म खिचड़ी खाये जांद छे।
मोराकी यात्री बटुटा जो १४ वीं सदी म भारत आयी वैन बि भारत म खिचड़ी खाणो उल्लेख कार।
रूसी यात्री निकिटिन जु १४६९ म भारत यात्रा पर आयी वैन बि लेखी बल भारत म चौंळ , दाळ , घी अर मिठु क मेल से खिचड़ी बणदि।
सोळवीं सदी म फ़्रांसिसी यात्री तावेर्नियर भारत आयी अर वैन लिख बल ग्रामीण भारतीय रातक भोजनम खिचड़ी (चौंळ , हरी दाळ , दाळ , घी ) खांदन ।
मुगल बादशाह तो खिचड़ी पर भौति आकर्षित (फ़िदा ) छा। मुगल बादशाह अकबर जहांगीर , शाहजहां व औरंगजेब न ग्रामीण भोजन खिचड़ी तै राजमहलौ भोजन बणाइ दे। मुग़ल बादशाहों व मुगल सरदारों को खिचड़ी भक्षणौ चाखो ( चस्का ) ब्राह्मण सर्यूळों कारण लग ।
मुगल काल म इ मालवा क सुल्तान महल म लिखीं पुस्तक ‘ नीमतनामा’ (भोजन शब्दकोश ) म खिचड़ी का भौं भौं प्रकारों उल्लेख मिल्दो अर खिचड़ी म गुलाब जल , सौंफ , हींग , जीरो , सिरका , अखरोट, आदो , पोदीना व तुलसी पत्ता पटयोग को बि उल्लेख ‘ नीमतनामा’ म मिल्दो।
मुगल काल म खिचड़ी बिगळयां बिगळयां नाम बि पड़िन -
सुर्ख खिचड़ी – लाल खिचड़ी
सब्ज खिचड़ी – हरी खिचड़ी
एइ समौ खिचड़ी म गुलाब जल व केशर मिलाणै परम्परा की पवाण बि लग।
अबुल फजल कृत आईने अकबरी म कतना इ प्रकारौ खिचड़ी उल्लेख च अर प्रत्येक प्रकार की बिगळीं- बिगळीं पाक विधियों उल्लेख च। बीरबल की खिचड़ी बि अकबर समय प्रसिद्ध ह्वे छे।
जहांगीर न अपण आत्म कथा ‘तुजुक’ म गुजरात की अति विशेष खिचड़ी नाम उल्लेख कार। यीं खिचड़ी नाम वैन लजीज खिचड़ी (स्वदिष्ठ खिचड़ी ) धार। या लजीज खिचड़ी बाजरा अर मत्र मिलैक बणदी छे. जहांगीर को या खिचड़ी प्रिय भोज्य पदार्थों म छे।
शाहजहां व औरंगजेब क रूस्वड़ म बि खिचड़ी कु भौत महत्व छौ। औरंजेब क राजकीय रुस्वड़ म खिचड़ी म विकास ह्वे। औरंगजेब आलम गीर नामौ खिचड़ी खांड छौ। वैकि खिचड़ीम उबळयां अंडा अर माछ बि जुड़ गे छौ।
बहादुर शाह जफर बि रमजान म मूँगै खिचड़ी रूचि से खांदो छौ।
अवध नबाब नसीर ुद्दें शाह क राजकीय रुस्वड़ म खिचड़ी म पिस्ता , अखरोट डळे जांद छौ अर इन कटे जांद छा कि यि चौंळ अर दाळ जनि दिखयावन।
हैदराबाद का निजाम कु राजकीय रुस्वाड़म खिचड़ी बड़ी महत्ता छे। निजाम हैदराबाद बि खिचड़ी म विकास ह्वे अर दाळ , चौंळ , का अतिरिक्त कीमा ( पिस्युं मटन ) बी डाळण शुरू ह्वे।
अर्थात मुगल अर निजाम काल म खिचड़ी शाकाहारी भोजन से मांशाहारी बण गे।
ब्रिटिश कालम बि खिचड़ी महत्व कम नि ह्वे। इंग्लैण्ड म खिचड़ी नास्ता म प्रसिद्ध ह्वे गे। मुंशी अब्दुल करीम न विक्टोरिया रानी तै खिचड़ी कहलायी छे। विक्टोरिया रानी तै मसूर की खिचड़ी रुचिकर लगद छे। अर यां इ से दळीं मसूर को नाम मल्लिका मसूर पोड़।
ब्रिटिश कर्नल खिचड़ी अपण देस ल्ही गेन किन्तु तख नाम म परिवर्तन ह्वे गे ार खिचड़ी इंग्लैण्ड म केडजेरे ह्वे गे । हाँ ब्रिटिश लोगुं न खिचड़ी तै मांशाहारी बणै दे। खिचड़ी म अंडा, आदो , काळी मर्च , प्याज , नौणी अर माछ बि आयी गे दगड़म लिम्बु , धनिया जन अवयव बि बढ़ गे छा।
जख तक उत्तराखंडौ प्रश्न च बल उत्तराखंड म खिचड़ी इत्यास वी च जु भारत म च।
सर्वाधिकार @ भीष्म कुकरेती २०२१
विभिन्न समाचार पत्र जन टाइम्स ौफ़ इण्डिया , इंडियन एक्सप्रेस व अन्य स्रोत्र
Thank You