:सैंज (कालसी , देहरादून ) में एक पारम्परिक भवन (सं 1 ) में काठ कुर्याण की गढ़वाली शैली में काष्ठ कला अंकन, अलंकरण
Traditional House wood Carving Art of Sainj , Kalsi , Dehradun
गढ़वाल,कुमाऊँ, भवन (तिबारी,निमदारी, जंगलादार मकान,बाखली,खोली,छाज कोटि बनाल ) काठ कुर्याण की गढ़वाली शैली में काष्ठ कला अंकन – अलंकरण- 385
संकलन – भीष्म कुकरेती
पर्यटन स्थलों से भी मित्र पारम्परिक भवनों की सूचना भेज रहे हैं। स्वामित्व का नाम न होने से कला , शैली पर कोई अंतर् नहीं पड़ता है। प्रस्तुत जौनसारी पारम्परिक भवन कष्ट कला व भवन शैली दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
प्रस्तुत सैंज का जौन्सारी पारम्परिक भवन दुपुर , दुखंड है । भवन में काष्ठ कला उत्कीर्णन हेतु निम्न स्थलों पर ध्यान देना होगा -
भ्यूंतल ( ground floor ) में दस से अधिक स्तम्भों (सिंगाड़ ) , भवन के बरामदे के अंदर कक्ष के द्वार पर कला उत्कीर्णन, स्तम्भों के मध्य ऊपर स्थापित तोरणम में कला।
परहम तल में बरामदे को ढकने वाले पट्टियों/पटलों/तख्तों में व कड़ियों में कला , व एक ढ़ुड्यार में तोरणम आदि।; तथा पैनलों में चित्रकारी।
भ्यूंट्ल में बरामदे में दोनों ओर कम से कम दस या अधिक स्तम्भ हैं। प्रत्येक स्तम्भ में उत्कीर्णन कला सामान है। प्रत्येक स्तम्भ के आधार में घुंडी /घट/कुम्भी है जो घट आकृति के ऊपर ड्यूल (a round Wooden plate) और ड्यूल के ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प से कुम्भी निर्मित हुयी है. कमल दल स्पष्ट हैं। यहां स्तम्भ /सिंगाड़ लौकी आकर हो ऊपर बढ़ता है और जहां पर सबसे कम मोटाई है वहां पर अधोगामी कमल दल उभरता है जिसके ऊपर ड्यूल है व ड्यूल के ऊपर सीधा कमल दल है। यहां से स्तम्भ थांत आकर ले ऊपर शीर्ष /मुरिन्ड /header के कड़ियों से मिल जाता है। यहीं से तोरणम के अर्ध चाप भी शुरू होते हैं जो सामने के स्तम्भ के अर्ध चाप से मिल तोरणम निर्माण करते हैं। तोरणम के स्कन्द सपाट हैं।
बरामदे के आंतरिक भाग में कक्ष द्वार हैं व द्वारों के पटलों /तख्तों में सर्पीली आकर में पत्तियों का उत्कीर्णन हुआ है. शेष स्थलों में ज्यामितीय कटान की कला है।
सैंज (कालसी , देहरादून ) के प्रस्तुत भवन के पहले तल में बरामदे को सपाट पटलों से ढका गया है। वहीं खड़कियाँ भी हैं। एक मंदिर द्वार नुमा ढु द्यर भी है जो तोरणम का आभास देता है. भवन के पहले तल में लकड़ी के पटलों पर सफ़ेद रंग से कपशुओं की चित्रकारी भी की गयी है।
सैंज के प्रस्तुत भवन में प्राकृतिक , ज्यामितीय कटान अलंकरण उत्कीर्ण हुआ है और पशुओं की चित्र भी दिखते हैं (मानवीय अलंकरण ) ।
सूचना व फोटो आभार: दीपक चौहान
* यह आलेख भवन कला अंकन संबंधी है न कि मिल्कियत संबंधी, भौगोलिक स्तिथि संबंधी। भौगोलिक व मिलकियत की सूचना श्रुति से मिली है अत: अंतर के लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020
Traditional House wood Carving Art of Dehradun, Garhwal Uttarakhand, Himalaya to be continued
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