अमर्ष भाव अभिनय: अमर्ष भावौ पाठ खिलण
गढवाल म खिल्यां नाटक आधारित उदाहरण
Performing Indignation Sentiment in Garhwali Dramas
( इरानी , अरबी शब्दों क वर्जन प्रयत्न )
भरत नाट्य शास्त्र अध्याय – 6, 7 का : रस व भाव समीक्षा - 51
s = आधी अ
भरत नाट्य शास्त्र गढवाली अनुवाद आचार्य – भीष्म कुकरेती
तमभिनयेच्छिर:कम्पनप्रस्वेदनाधोमुखचिंतनध्यानाध्यवसायोपायसहायान्वेषणादिभिरनुभावै:। ७. ७७ परवर्ती गद्य ।
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गढ़वाली अनुवाद – -
अमर्ष पाठ खिलणो कुण मुंड कम्पण, पसीना दिखाण , मुख तौळ लटकाण , चिंतन ध्यान दिखाण , ध्यान दिखाण , उपाय सुचण , सहायता जन करतब दिखाये जांदन।
गढ़वाली म अमर्ष भाव उदाहरण – - –
एक गढवाली नाटक ‘ बखरों ग्वेर स्याळ ‘ म अमर्ष भाव
जवान ग्राम प्रधान -क्या भै काऴया ! क्या चयाणु च ?अदबुडेड़ काऴया- प्रधान बेटा ! एक सटिफिकेट चयाणु च
ग्राम प्रधान - सूण ! काका बाड़ा ड्यारम हूंद . क्यांक सटिफिकेट ?
काऴया - म्यार नौनु किलास मा फस्ट आयि। गरीबी सटिफिकेट चयाणु च।
ग्राम प्रधान बेइजती करणो भाव मा - हूँ ! अबे त्यार नौनु कथगा बि नंबर लैजालु। करण त वैन मजदूरी ही च। अबि जा भोळ ली जै सटिफिकेट …. काऴया (भैर जांद जांद , कुछ देर ध्यान मग्न रौंद , भगवान जिना दिखुद , गुस्सा मा स्वत: ) - मी बि अपण बुबाक काऴया नीछौं जु मि अपण नौनु तैं बीए पास नि करौं !
भरत नाट्य शास्त्र अनुवाद , व्याख्या सर्वाधिकार @ भीष्म कुकरेती मुम्बई
भरत नाट्य शास्त्रौ शेष भाग अग्वाड़ी अध्यायों मा
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