अद्भुत रस अभिनय : अद्भुत (खौंळेणो पाठ खिलण ) भरत नाट्य शास्त्र अध्याय – 6: रस व भाव समीक्षा - 17 भरत नाट्य शास्त्र गढवाली अनुवाद शास्त्री – भीष्म कुकरेती – स्पर्शग्रहोल्लुकसनैर्हाहाकारैश्च सादुवादैश्च I वेपथुगद्गदवचनै: स्वदेाद्यरभिनयस्तस्य I I । 6 . 76 । अद्भुत रसौ पाठ खिलण कुण कै वस्तु तै देखिक खौंळेण से , …
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