सात्त्विक भाव का भाव गढवाल म खिल्यां नाटक आधारित उदाहरण Emotional Sentiment in Garhwali Dramas ( इरानी , अरबी शब्दों क वर्जन प्रयत्न ) भरत नाट्य शास्त्र अध्याय – 6, 7 का : रस व भाव समीक्षा - 60 s = आधी अ भरत नाट्य शास्त्र गढवाली अनुवाद आचार्य – भीष्म कुकरेती सत्वं नाम मन प्रभवम् …
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स्थायी भाव अध्याय -1
स्थायी भाव अध्याय -1 Sthaayi Bhava भरत नाट्य शास्त्र अध्याय – 6: रस व भाव समीक्षा - 18 भरत नाट्य शास्त्र गढवाली अनुवाद शास्त्री – भीष्म कुकरेती – रतिहसिसश्च शोकश्च क्रोधोत्साहौ भयं तथा । जुगुप्सा विस्मयश्चेति स्थायी भावा: प्रकीर्तिता: । अध्याय 6 , 17 । स्थायी भाव आठ छन – रति, हास्य शोक , …
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