“ढ्वलकी बिचरी” – Garhwali Poem by Sunil Bhatt – ढ्वलकी बिचरी कीर्तनौं मा, भजन गांदी, खैरी विपदा सुणादी। पढै लिखैई बल अब छूटीगे, एक सुपन्यु छौ मेरू, ऊ बी टूटीगे। ब्वै बुबा बल म्यरा, दमौ अर ढोल, अब बुढ्या ह्वैगेनी। भै भौज डौंर अर थकुली, गरीब रै गेनी। छ्वटी भुली हुड़की झिरक फिकरौं मा, चड़क …
Tag Archive: Ghazals
Jun
17
Jun
17
चाच्ची ,बड्यों न बोलि ———-
चाच्ची ,बड्यों न बोलि ———- – Garhwali Poem by Rakesh Mohan Thapliyal – हे बेटा कखन औंण, हमारा मुखड़ों पर अन्वार, लैंदु –पाणी अब कखि रई नी , छुड़ी दाळ-रोट्टी,साग-भात खा भुज्जी की त छुई ही नी ? हे बेटा,कुछ बांदरुन धपोरी, अर कुछ सुंगरुन खाणा, डोखरों, छोरा खारु बोंण, जब कुछ नी हासिल –पाई …
Jun
15
जबाब कु द्यालु ?
जबाब कु द्यालु ? – गढ़वाली कविता – दिनेश कुकरेती – सरैला कु पाणी भुलू सुखणू किलै ह्वालु, स्यु निर्भगि कुकर इन भुकणू किलै ह्वालु। पर्सी बट्ये आंखि फड़कणी हिर्र हूणी गात, बिना तीसाs भि गाळु सुखणू किलै ह्वालु। पीठी पिछ्वडि़ अपण्यास दिखांदु छौ वु, अब मीs देखिs इन लुकणू किलै ह्वालु। बाब-ददौंsन खैरि खै-खै …
Jun
14
उदास घिंडुडु
उदास घिंडुडु – गढ़वाली कविता – दर्शन सिंह रावत – ए घिंडुडी, इनै सूणिदी। क्या स्वचणी छै मी बि बतादी। । जणणू छौं मि, जु मि स्वचणू छौं, तुबी वी स्वचणी छै, तबी त म्यारु छोड़ नि द्यखणी छै। । हालत देखिक ए गौं का, त्यारा आंख्यू मा पाणि भ्वर्यूंच। इनै देखिदी मेरी प्यारी, म्यारु …
Jun
14
।करयु छो पैली।
।करयु छो पैली। – Garhwali Poem by Diwakar Budakoti – जख चलनी छै मेरी रिश्ता कि बात दगड्या उंकू झणि कै दगडि करार करयू छो पैली । मि गै उंकि दैळिम् द्यबता नौ कु हल्दू मंगणा कु पण उंकु कै ओरु नौ कु गुलबंद पेरयू छो पैली । जै दुसमन ते खुज्याणू रो मि छामा …
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